ये तमाशा रोज है, चूतियों की मौज है।

in #chutiyapa2 months ago

नमस्कार मित्रों।

वैसे तो कहने के लिए hive एक decentralized सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है पर न तो ये decentralized है और न ही सोशल मीडिया। मैं Steemit से 2018 से जुड़ा हूँ। मैंने देखा है कि यहाँ लोग ग्रुप बनाकर मौज उड़ा रहे हैं। जिनके पास बहुत ज्यादा steem/hive पावर है तो जिसे चाहे धमका दें, जिसे चाहे ब्लॉक कर दें। खुद भोस D वाले अनाप-शनाप लिखकर पैसे बना रहे हैं और यहाँ कमजोर लोगों को downvote करके अपनी ताकत दिखाते हैं।
मैंने यहाँ अरिजनल के नामपर नए-नए users के साथ हो रही धांधली और खुद का गिरोह बनाकर कमाई करने का धंधा शुरू से देखा हुआ है। ये बदमाश कभी किसी ताकतवर को नहीं रोकते, भले ही वो कितनी भी घटिया पोस्ट पेलकर प्रॉफ़िट कमाए। पर अगर किसी कमजोर ने थोड़े से ज्यादा upvote पा लिए तो इनके पिछवाड़े में दर्द होने लगता है। हरामखोर खुद खाना-कमाना चाहते हैं और बाकियों को कम्यूनिटी गाइड्लाइन के नामपर पेलते हैं। कभी इन्होंने पॉर्न का विरोध नहीं किया पर दुनिया भर को सुचिता का उपदेश देते हैं। दूसरे के अरिजनल विचारों को कॉपी पेस्ट का नाम देते हैं। ये इनका दोगलापन है।
Steem हो या हाइव दोनों shitcoin हैं। इनकी न कीमत बढ़ रही है न users की संख्या। बढ़े भी कैसे जब इस तरह का नंगापन चल रहा है। सोशल मीडिया है तो इसमें हर तरह की पोस्ट आएगी। पर इनको तो यहाँ फ्री में Shakespeare चाहिए। बातें बड़ी-बड़ी पर काम बहुत ही ओछे। लानत है।